नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। पी चिदंबरम ने शनिवार को ट्वीट करके लिखा है कि “भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मांग (GDP) बुरी तरह से प्रभावित है, वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर नकारात्मक रह सकती है। फिर क्यों वह अर्थव्यवस्था में और पूंजी डाल रहे हैं? उन्हें सरकार से खुलकर कह देना चाहिए कि ‘अपनी ड्यूटी करें, राजकोषीय उपाय करें।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने अगले ट्वीट में कहा है कि “रिजर्व बैंक के बयान के बाद भी, प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक ऐसे पैकेज के लिए खुद प्रशंसा कर रहे हैं, जो कि GDP के एक प्रतिशत से भी कम का राजकोषीय प्रोत्साहन है। RSS को शर्म आनी चाहिए कि कैसे सरकार ने अर्थव्यवस्था को नकारात्मक वृद्धि दर की ओर ढकेल दिया है।”
बता दें कि RBI ने शुक्रवार को कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है। कर्ज अदायगी पर ऋण स्थगन को बढ़ाने और कॉरपोरेट को अधिक कर्ज देने के लिए बैंकों को इजाजत देने का फैसला किया। आरबीआई ने प्रमुख उधारी दर को 0.40 प्रतिशत घटा दिया जिससे अब रेपो दर 4 प्रतिशत रह गयी है। मौद्रिक नीति समिति की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान अनुमान जताते हुए कहा था कि 2020-21 में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) की वृद्धि दर निगेटिव में जा सकती है। उन्होंने कहा, “2020-21 में GDP ग्रोथ नेगेटिव रहने का अनुमान है। मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। दालों की कीमत में उछाल चिंता का विषय है। कृषि उत्पादन से सबको लाभ मिलेगा। WTO के मुताबिक, वैश्विक व्यापार 13 से 32 फीसदी तक घट सकता है।”